त्वचा की देखरेख : यह अवचयक है कि हम अपनी त्वचा को छूकर उस पर पड़े प्रभाव से यह जान लेते है कि हमारी त्वचा कैसी है। त्वचा मुख्य चार प्रकार की होती है :-
१. साधारण
२. चिकनी
३. सुखी त्वचा
४. मिश्रित त्वचा
१. साधारण त्वचा :- इस प्रकार की त्वचा न तो तैलीय होती है और न ही सूखी उसका स्पर्श मुलायम और मखमली होता है। इसकी पारदर्श सतह से रंग चमकता है। सूंदर तो यह होती ही है। इसका यही सुंदर रूप अदिक समय तक बनाये रखने के लिए देखभाल की आवश्यकता होती है। साधारण त्वचा के लोग यदि अपनी त्वचा की देखभाल न कर्ण तो उस पर झुरिआं एवं बुढ़ापे का असर शीग्र ही प्रगट होने लगता है। ऐसी त्वचा के लिए उसका पोषण जरूरी है।
२. तैलीय त्वचा :- ऐसी त्वचा वाले लोगो के शरीर की ग्रंथियां आदिक क्रियाशील होती है और आवश्यकता से आदिक चिकनाई साबित करती है। जो त्वचा पर एकन होकर उसे चमक के रूप में प्रदान करती है। ऐसी त्वचा के रोम छिद्र आदिक खुल जाते है और त्वचा पर एक खरदरापन झलकने लगता है। ऐसी त्वचा पर तिल मुहांसे और फुंसियां निकलने की आदिक संभव होती है।
चिकनी त्वचा को विशेष रूप से साफ रखने की आवश्यकता होती है। जिससे कि आयु बढ़ने के साथ साथ कम हो जाती है। रजोनिवृति के समय हार्मोन की कमी के कारण भी संतुलन बिगड़ जाता है और तैलीय ग्रंथियां आदिक सक्रिय हो जाती है।
३. सूखी :- अदिकतर लोगों की त्वचा सूखी होती है। साबुन से स्नान करने पर मैल तो साफ हो जाती यही पर त्वचा की रक्षा करने वाली चिकनाई नष्ट हो जाती है। धुप एयर कंडीशन और हीटर भी ऐसी त्वचा को हानि पहुंचते है। सूखी त्वचा को नमी वाले प्रसाधनों की आवश्यकता होती है ऐसे प्रसाधन त्वचा को न सिर्फ तेल प्रदान करते है बल्कि इसको सनिकध भी रखते है और त्वचा की नमी को सूखने भी रोकते है। नमीकारक प्रसाधन बहरी त्वचा में पानी की मात्रा को बढ़ाकर मुलायम और चिकनी करते है। कई ईस्त्रीयायह अनुभव करती है कि उन्हें सूखी त्वचा के विरुद्ध लगातार संघर्ष करना पड़े जिससे उन पर बुढ़ापा झलकने न पाए।
४. मिश्रित त्वचा :- इस प्रकार की त्वचा का भाग चिकना होता है। बाकी का हिसा सूखा रहता है। मिश्रित त्वचा एक सामान्य बात है और दुर्भग्य वश त्वचा सबसे खराब समझी जाती है। इसी कारण इसका उपचार भी गलत होता है। इस प्रकार की त्वचा के सभी भागों का उपचार अलग अलग होता है। वैसे इस प्रकार की त्वचा के दोनों भागों को नमी की आवश्यकता होती है। यह जानने की बात है कि तेल से नमी नहीं मिलती।
५. संवेदनशील त्वचा :- ऐसी त्वचा पर बहरी व् अंदरूनी परिवर्तनों की प्रतिक्रिया होती है और कभी कभी लाल सी लगने लगती है। उस पर झुर्रियां पड़ने लगती है और चेहरे पर छोटी छोटी लकीरें पड़ने लगती है। गले के नीचे की त्वचा ढीली पद जाती है। जिससे चेहरा खराब हो जाता है।
६. नमी युक्त त्वचा :- इस प्रकार त्वचा में नमी होती है। यह फूली या इकठी हुई लगती है। इस त्वचा में यह पता चलता है कि त्वचा में दोष व जहरीले पदार्थ इकठे हो जाते है। अदिकतर यह स्थिति बूढ़े लोगों में मिलती है। त्वचा की देखभाल करने का पहला पाठ यह है कि पहले आप अपनी त्वचा की वास्तविकता पहचानें और उसके अनुसार उसका उपचार करने का प्रयत्न करें। वस्तुत : यदि आप चाहें किआपकी त्वचा अंत तक ठीक रहे तो निम्न उपायों का पालन करें।
१. अपनी त्वचा के अनुरूप प्रसाधनों से दिन में दो बार या आदिक बार त्वचा की सफाई करें।
२. २५ वर्ष की आयु के बाद किसी सौंदर्य विशेषग से त्वचा की देखभाल के लिए संपर्क करें।
३. त्वचा की स्थिति जानकर उसका उपचार करें।
४. धुप से बचें।
५. धूम्रपान न करें।
६. दिन में कम से कम ८ गिलास पानी पियें।
७. सप्ताह में एक दिन फेस पैक का उबटन लगायें।
८. नियमित व्याम करें।
९. त्वचा के प्रति लापरवाही न करें।
सूखी त्वचा की देखरेख :- सर्दियों के दिनों में लोगों पर लाली अवश्य झलकने लगती है पर इन्हीं दिनों में त्वचा की साडी नमी समाप्त हो जाती है। त्वचा नमी रहोत सूखी हो जाती है। सूखी और नमी रहित त्वचा के लक्षण निम्न है :-
१. त्वचा पर सूखी पपड़ी या चकते पद जाना।
उपाय :- त्वचा को नमी देने वाली क्रीम से सूखी पपड़ी और चकते दरें मिट जाते है।
२. त्वचा देखने में अच्छी लगती है। इसका अर्थ है रोम कूप दिखाई नहीं देते।
३. सूखी त्वचा कारण आँखों चारों ओर लकीरें पड़ जाती है। और वे समाप्त नहीं होती लकीरें स्थायी बनने लगती है।
४. गर्दन और गलों पर झुर्रियां पड़ जाती है।
उपाय :- त्वचा को शुष्क लिए आवश्यक यह आवश्यक है कि अच्छे भोजन करें। आठ घंटे सोये, ताजे फल एवं हरी सब्जियों का सेवन करें। सबसे महत्वपूर्ण त्वचा को साफ रखना है। . बहुत सी महिलाऐं चेहरे पर मेकउप के लिए कई चीजों का प्रयोग करती है, इसलिए त्वचा की सफाई भी आवश्यक है। चेहरे पर नींबू का रस लगाकर इसे बनी त्वचा शोध्क चीजों को प्रयुक्त करना चाहिए। कैक्टस को नमी सोखने की बहुत क्षमता होती है। त्वचा को साफ करने के लिए सदा गीली रुई का प्रयोग करना चाहिए। इसके प्रयोग से कुछ ही दिनों बाद कान्ति पूर्क हो जाती है, जब कि कैक्टस चेहरे की झुर्रियां और लकीरों को मिटा देता है। इसका रस बहुत लाभकारी होता है।
जड़ी बूटियों द्वारा त्वचा का पोषण।:- सौंदर्य संवंधी शब्दावली में नरसिंह अथवा पोषण शब्द का प्रयोग होता है। इसका अर्थ है भोजन द्वारा जीवित रखना या उसका पालन करना। जिस प्रकार हम विभिन्न उपयोगी भोजन तत्वों से शरीर का पोषण करते है। उसी प्रकार त्वचा को भी पोषण की आवश्यकता होती है। इसमें से आदिक लोग पोषण का अर्थ क्रीम लगाना समझते है। सोने से पहले कुछ दैनिक कार्य करना। आज के सौंदर्य तकनीक में इस संबंध में किये जाने वाले आय का महत्व नहीं है, प्रयोग में लाई जाने वाली वस्तुओं का भी पोषण संबंधी और पोषण क्रीमों का काम त्वचा को चिकना करना और उसे नरम रखना होता है। इस त्वचा के आदिक आवश्यकता होती है जिससे प्राकृतिक चिकनाई की कमी होती है। जिस पोंण त्वचा की तैलीय ग्रंथियों की सक्रियता कम हो जाती है। आदिक क्रीम लगाने के बाद देर तक रखकर धुल मिटटी जमने से रोम छिद्र बंद हो जाते है। इसलिए क्रीम को गीली रुई के फाहे से पोंछ देना चाहिए। और रातभर क्रीम को चेहरे पर नहीं रखना चाहिए।
शहद दूध दही और अंडे अदि प्राकृतिक वस्तुए अमूल्य सौंदर्य प्रसादक है। इससे त्वचा को पोषण सौन्दर्य प्रसाधनों इस्तेमाल होने वाली बहुत सी जड़ी बूटियां है जैसे चमेली, गुलाब, लवेंडर का अर्क अदि प्राचीन कल में प्रयोग किये जाते थे। इसी तरह कैमोमाइल और टिल अदि बूटियों को क्रीम और लोशनों में मिलाया जाता है। इससे त्वचा की बनावट में सुधर होता है। और रंग भी साफ होता है।
चिकनी त्वचा को साफ रखना :- आदिक चिकनाई वाली त्वचा के लिए प्रतिदिन सबसे महत्व पूर्ण कार्य उसे साफ रखना है। सफाई या ध्यान रखने का अर्थ है उसमे काले मंशे, दाग़, धब्बे अदि था झाइयां न होने पाए और आदिक चिकनाई से रोम छिद्र और दाग़, धब्बे था मुहांसे निकल आते है।
उपाय :-प्रतिदिन त्वचा की सफाई करना आवश्यक है और चिकनाई करने के लिए और स्वस्थ दिखाई देने के लिए इन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है :
१. त्वचा के ऊपर मैल या मिटटी की परत या गंदगी को साफ किया जाये।
२. त्वचा पर दिखी देने वाली चिकनाई साफ हो जाये और रोम छिद्र में चिकनाहट एकठा न होने पाये।
३. त्वचा में बनावट में सुधर हो।
४. चेहरे में धीरे धीरे उँगलियों से एस्ट्रिजेंट या कोई भी एसिड द्वारा मालिश करें। इससे रोम छिद्र खुल जाते है और चेहरे पर डेन या मुहांसे अदि नहीं दिखाई देते। इसको गुलाब जल या स्किन टॉनिक द्वारा भी मिटाया जा सकता है।
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